Saturday 20 December 2014

आपके लिए खतरा न बन जाए डि-मिनरलाइज्ड वाटर!


आजकल लोग सामान्य पानी को पीने के बजाए डि-मिनरलाइज्ड वाटर का सेवन कर रहे हैं, जो शरीर के लिए कई प्रकार के खतरे ला सकता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययन ने कहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कराए गए अध्ययन के निष्कर्ष में कहा गया है कि डिमिनरलाइज्ड वाटर सेवन करने योग्य नहीं है और लंबी अवधि तक इसका सेवन स्वास्थ्य संबंधी कई जोखिमें लाता है। सामान्य जल की तुलना में इस डिमिनरलाइज्ड जल (कैल्शियम और मैग्नीशियम की अल्पता) का सेवन करने वाले लोगों की अधिकतर मौत की वजह कार्डियो वैस्क्यूलर डिसीज बनी हैं। अध्ययन में यह भी सामने आया कि अल्प मिनेरल की मात्रा वाला पानी पीना, बच्चों में हडि्डयों के टूटने का कारण बनता है और वयस्कों में हडि्डयों का घनत्व कम कर देता है। मिनेरलरहित पानी से खाना बनाना भी भोजन में कई स्वास्थ्यवर्द्धक तत्वों को कम करता है। कुछ मामलों में मैग्नीशियम तथा कैल्शियम की हानी 60 फिसदी तक देखी गई। कम खनिज वाले जल को पीनेे से शरीर की उस प्रतिक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव दिखने लगता है, जो प्रतिक्रिया शरीर की जल और खनिज चयापचय को संचालित करती है।ऊर्जा बढ़ाएं पर्याप्त पानी का स्तर कम होते ही शरीर ऊर्जाविहीन हो जाता है।
ऎसे में पानी का एक गिलास ही स्फूर्ति ला सकता है। इससे कोशिकाओं को रक्त में मिली ऑक्सीजन व अन्य पोषक तत्व मिल जाते हैं। टोनिंग करे हमारी मांसपेशियों में खिंचाव का महसूस होना भी पानी की कमी का एक लक्षण है। पानी जोड़ों को चिकनाई प्रदान करता है, यह उत्तकों का खिंचाव कम करता है। बॉडी की टोनिंग करता है। तनाव घटाएं पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) से शरीर और दिमाग में तनाव महसूस होने लगता है, क्योंकि दोनों में ही जलीय प्रतिशत की अधिकता है। तनाव दूर रखने व एकाग्रता बढ़ाने के लिए एक-एक घूंट पानी पिएं। गंदगी निकालें पानी की कमी से भोजन को पचाने में असुविधा होती है और कब्ज की शिकायत बढ़ जाती है। पाचन प्रणाली में पर्याप्त पानी, घुलनशील दूषित कणों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। न बनने दे किडनी स्टोन्स आजकल किडनी स्टोन्स की समस्याएं बढ़ रही हैं। इसका पहला कारण है बच्चों और बड़ों द्वारा पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन नहीं करना। पानी ही मूत्र के सॉल्ट्स और खनिजों को घुलनशील करता है, जो जल के अभाव में ठोस क्रिस्टल के रूप में विकसित हो जाते हैं और किडनी स्टोन्स कहलाते हैं। डब्ल्यू एचओ की सलाह पेयजल में टीडीएस यानी टोटल डिसॉलव्ड सोलिड्स की न्यूनतम मात्रा 150-30 मि.ग्रा/ लीटर, कैल्शियम का न्यूनतम स्तर 20 मि.ग्रा/ लीटर तथा मैग्नीशियम का न्यूनतम स्तर 10 मि.ग्राम / लीटर होनी चाहिए। 07 होता है शुद्ध पानी का पीएच (पीएच ) स्तर 03 लीटर प्रति दिन पानी का सेवन यदि चार सप्ताह तक भी किया जाए, तो आपकी त्वचा दस साल जवान दिखने लगती है। 85 फिसदी मस्तिष्क की ऊत्तक जलीय है। शरीर का करीब 66 त्न हिस्सा पानी ही है। 8 गिलास पानी दिनभर में पीने से शरीर को थकान महसूस नहीं होती है। खास तथ्य अगर आप गहन शारीरिक व्यायाम या अन्य गतिविधि करते हैं, तो शरीर को मिलने वाली ऊर्जा सबसे पहले शरीर में उपस्थित पानी से ही आती है। यह मिथक है कि यह ऊर्जा शरीर वसा से लेता है।
 

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