एफसीआरए,2010 विदेशी योगदान के गलत इस्तेमाल का निरीक्षण करेगा
विदेशी अंशदायी (विनियमन) अधिनियम, 2010 एक मई, 2011 से प्रभाव में आया है। गृह मंत्रालय ने इस संदर्भ में 29 अप्रैल,2011 को आवश्यक राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी है। अत: पिछला विदेशी अंशदायी (विनियमन) अधिनियम, 1976 को निरस्त कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल,2011 को एफसीआरए,2010 की धारा 48 के अंतर्गत विदेशी अंशदायी(विनियमन) नियमों को अधसूचित करने वाली राजपत्र अधिसूचना भी जारी की थी । एफसीआर नियम, 2011, एफसीआरए,, 2010 के साथ ही प्रभाव में आया है।
हालांकि रद्द किए गए एफसीआरए,1976 के प्रावधानों को कायम रखा गया है तथा एफसीआरए ,2010 में सुधार किए गए हैं। संघों द्वारा प्राप्त विदेशी योगदान के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए एफसीआरए ,2010 में और सख्त प्रावधानों को जोड़ा गया है।
नए प्रावधान
एफसीआरए,2010 में कई नए प्रावधानों को जोड़ा गया है। एक व्यक्ति इस अधिनियम के तहत प्राप्त विदेशी योगदान को दूसरे व्यक्ति को तब तक नहीं दे सकता, जब तक कि वह व्यक्ति भी केंद्र सरकार के द्वारा निर्मित नियमों के अनुसार विदेशी योगदान को प्राप्त करने के लिए अधिकृत नहीं है।
नए प्रावधान में , विदेशी योगदान को जिस उद्देश्य के लिए प्राप्त किया गया है, उसके लिए उपयोग किया जाना चाहिए और ऐसे योगदान को प्रशासनिक खर्च के लिए 50 प्रतिशत तक इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रशासनिक खर्च यदि योगदान के 50 प्रतिशत से अधिक हो रहा हो तो ऐसे में इसे केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति के साथ चुकाना होगा। इस अधनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर पंजीकरण को निलंबित के साथ-साथ निरस्त कर देना भी इस अधिनियम का नया प्रावधान है।
अन्य नए प्रावधान में जिन व्यक्तियों के प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है उनके विदेशी योगदान और संपत्ति का प्रबंधन करना।
पंजीकरण आसान
पंजीकरण प्राप्त करने के लिए आवेदन को जमा करने या विदेशी योगदान प्राप्त करने के लिए पूर्व अनुमति पाने का तौर तरीका, नियम और आवेदन भरने के प्रपत्रों में विस्तृत रूप से दिया गया है। पंजीकरण या पूर्व अनुमति पाने के लिए ऑन-लाइन आवेदन करना होगा तथा उसके बाद ऑन-लाइन आवेदन की विधिवत हस्ताक्षर की गई हार्ड कॉपी को अपेक्षित दस्तावेज़ों के साथ संलग्न करके ऑन-लाइन जमा करने के 30 दिनों के भीतर दे देना होगा। ऐसा न करने पर व्यक्ति के आवेदन को निरस्त किया जा सकता है।
किसी व्यक्ति के आवेदन को निरस्त कर दिया गया है तो वह पिछले आवेदन को समाप्त की गई तिथि के केवल छह महीने के बाद ही दोबारा ऑन-लाइन आवेदन कर सकता है । समान परियोजना के लिए पूर्व अनुमति या पंजीकरण जमा करने के बाद किसी भी व्यक्ति को छह महीने की अवधि के भीतर पंजीकरण या पूर्व अनुमति लेने के लिए दूसरा आवेदन करने की अनुमति नहीं होगी।
पंजीकरण या पूर्व अनुमति प्राप्त करने के लिए शुल्क क्रमश: 2000/- रूपए और 1000/- रूपए होगा।
पंजीकरण पांच साल तक वैध होगी रद्द किए गए अधिनियम के अंतर्गत विदेशी योगदान को स्वीकार करने के लिए संघ आदि को दिए गए पंजीकरण प्रमाण पत्र की वैधता की कोई समय सीमा नहीं थी। एफसीआरए, 2010 में दिए गया प्रमाण पत्र पांच साल तक वैध होगा तथा पूर्व अनुमति, विशेष कार्य या विदेशी योगदान जिसके लिए अनुमति दी गई है, उस विशेष राशि के लिए वैध होगा। आगे हर व्यक्ति जिसे कि प्रमाण पत्र दिया गया है, उसे इस प्रमाण पत्र की समाप्ति होने की अवधि से पहले, छह महीने के भीतर नवीकृत करा लेना चाहिए।
किसी संघ को केंद्र सरकार की धारा 6 या रद्द एफसीआरए, 1976 के अंतर्गत पूर्व अनुमति या पंजीकृत किया गया है, उसकी पूर्व अनुमति और पंजीकरण को एफसीआरए, 2010 के अंतर्गत प्रदान किया जा सकता है और ऐसा पंजीकरण नए अधिनियम के प्रभाव में आने की तिथि से पांच साल की अवधि के लिए वैध होगा।
एक व्यक्ति जारी बहु-वर्षीय परियोजना को कार्यान्वित कर रहा है तो उसे पंजीकरण के प्रमाण पत्र की समाप्ति की तिथि से 12 महीने पहले ही नवीकरण के लिए आवेदन कर देना चाहिए।
खातों के लिए नियम विदेशी योगदान के अलावा एफसी खाते में कोई निधि नहीं होनी चाहिए। संघ आदि को एफसी खाते को अलग से देखना होगा। हर बैंक को प्राप्त विदेशी राशि, स्त्रोतों, तरीकों और अन्य विवरण के बारे में ऐसे प्राधिकरणों को रिपोर्ट देनी चाहिए।
हर व्यक्ति जिसे पंजीकरण या पूर्व अनुमति प्रदान की गई है उसे प्राप्त विदेशी योगदान और उसके इस्तेमाल के लिए अलग से खाते और रिकॉर्ड बनाने चाहिए।
यदि पंजीकृत व्यक्ति या जिस व्यक्ति को पूर्व अनुमति मिली है, वह कानून के अनुसार सही सूचना देने में असफल होता है तो उसके खातों का निरीक्षण करने का प्रावधान बनाया गया है।
झूठी सूचना के लिए दंड
नए प्रावधान के अनुसार, अदालत यदि किसी व्यक्ति को जानबूझकर गलत सूचना देने और चालाकी से पूर्व अनुमति लेने , तथ्यों को छिपाने या गलत ढंग से पेश करने का दोषी मानती है तो उसे जेल हो सकती जिसे कि छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
एक नए प्रावधान को जोड़ा गया है जिसमें किसी व्यक्ति की संपत्ति निष्क्रिय हो जाने पर उसे केंद्र सरकार द्वारा उल्लेखित तरीके से खत्म किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति अधिनियम के प्रावधानों को तोड़ता है तो उसे जेल हो सकती है जिसे पांच साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
राजनैतिक प्रकृति के संगठन एक संगठन के राजनैतिक प्रकृति का घोषित करने, राजनीतिक पार्टी का न होने के लिए दिशा निर्देशों को एफसीआरए, 2010 में निर्धारित किया गया है।
कोई राजनैतिक प्रकृति के संगठन और कोई संघ या कंपनी ऑडियो या ऑडियो विज़ुअल खबर या सामयिकी कार्यक्रमों को प्रसारित करता है तो उसे विदेशी योगदान मिलना वर्जित है।
एक करोड़ से अधिक योगदान की सूचना सार्वजनिक की जाए
यदि कोई व्यक्ति जिसे पंजीकरण या पूर्व अनुमति का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है उसे यदि एक वित्तीय वर्ष में एक करोड़ से अधिक या उसके समकक्ष विदेशी योगदान प्राप्त होता है तो उसे izkfIr पर आंकड़ों को दिखाना होगा तथा उस साल के साथ-साथ अगले वर्ष के विदेशी योगदान के इस्तेमाल को भी सार्वजनिक करना होगा। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार आम जनता के लिए ऐसे व्यक्तियों के संक्षिप्त आंकड़ों को अपनी बेबसाइट पर प्रदर्शित या अपलोड कर सकती है।
इस्तेमाल न की गई राशि को केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति से खर्च किया जा सकता है अधिनियम के उपयुक्त प्रावधानों के तहत पंजीकरण का प्रमाणपत्र यदि निलंबित कर दिया जाता है तो इस्तेमाल न की गई राशि के 25 प्रतिशत को केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति से घोषित उद्देश्यों और लक्ष्यों , जिसके लिए विदेशी योगदान प्राप्त की गई थी, के लिए खर्च किया जा सकता है। इस्तेमाल नहीं हुए विदेशी योगदान का शेष 75 प्रतिशत इस्तेमाल पंजीकरण प्रमाण पत्र के निलंबन का निरसन होने के बाद ही किया जा सकता है। पंजीकरण प्रमाण पत्र निरस्त होने वाले व्यक्ति के इस्तेमाल न किए गए विदेशी योगदान की राशि केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में आगे के दिशा निर्देश जारी होने तक विशिष्ट विदेशी योगदान बैंक के खातें में ही पड़ी रहेगी।
बैंक विदेशी योगदान की izkfIr पर रिपोर्ट भेजेंगे
यदि कोई व्यक्ति जिसे कि अधिनियम के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करना या पूर्व अनुमति लेना ज़रूरी है लेकिन उसके भेजे गए धन की izkfIr की तिथि पर प्रमाण पत्र या पूर्व अनुमति प्रदान नहीं की गई है तो बैंक को ऐसे किसी भी लेन देन के बारे में केंद्र सरकार को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजनी होगी। रिपोर्ट में देने वाले का नाम और पता तथा प्राप्त करने वाले का पता और नाम, खाता नम्बर, बैंक का नाम और शाखा, विदेशी योगदान की राशि (विदेशी योगदान के साथ-साथ भारतीय रूपए में), izkfIr की तिथि, विदेशी योगदान प्राप्त करने का ढंग, (नकद,चैक, इलैक्ट्रोनिक स्थानांतरण आदि) संबंधी विवरण सम्मिलित होने चाहिए। बैंक को किसी भी व्यक्ति चाहे वो इस अधिनियम के तहत पंजीकृत हो या ना हो के द्वारा एक ही बार या तीस दिनों की अवधि के भीतर एक करोड़ से अधिक या उसके समकक्ष किसी भी विदेशी योगदान के लेन-देन के बारे में भी केंद्र सरकार को तीस दिनों के भीतर उपर्युक्त विवरणों के साथ रिपोर्ट भेजनी चाहिए।
प्राप्तकर्ता को चार्टिड अकांउटेंट द्वारा प्रमाणित रिपोर्ट हर साल देनी होगी
हर व्यक्ति जो कि इस अधिनियम के तहत विदेशी योगदान प्राप्त करता है उसे निर्धारित प्रारूप के अनुसार चार्टर्ड अकांउटेंट द्वारा विधिवत प्रमाणित रिपोर्ट जमा करनी होगी। इसके साथ आय और खर्च का विवरण , izkfIrऔर भुगतान खाता एवं एक अप्रैल से शुरू हुए हर वित्तीय वर्ष के लिए पक्का-चिट्ठा, वित्तीय वर्ष के समापन के 9 महीनों के भीतर गृह मंत्रालय, नई दिल्ली को देना जाना चाहिए। निर्धारित प्रपत्र में दिखाए गए रिटर्न में, विशिष्ट बैंक खाते में प्राप्त विदेशी योगदान और इसके इस्तेमाल के लिए अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित निधि की जानकारी भी होनी चाहिए।
ऐसी हर रिटर्न के साथ बैंक, जहां विशिष्ट विदेशी योगदान खाता है, से खाते के व्याख्यान वाली प्रति भी साथ में होनी चाहिए। यह प्रति बैंक के अधिकारी द्वारा विधिवत रूप से प्रमाणित होनी चाहिए। व्यक्ति को इन व्याख्यानों को 6 साल तक संभाल कर रखना चाहिए। किसी वित्तीय वर्ष में कोई विदेशी योगदान न होने पर ‘शून्य’ रिपोर्ट दी जानी चाहिए।
जांच एजेंसी की हर चौथे महीने में रिपोर्ट
इस अधिनियम के तहत जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो या कोई अन्य सरकारी जांच एजेंसी को सौंपे गए प्रत्येक मामले के बारे में हर चौथे महीने में केंद्र सरकार को उसकी स्थिति से अवगत कराना होगा। इसमें मामले की संख्या, पंजीकरण की तिथि, चार्ज शीट दाखिल करने की तिथि, किस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है, सुनवाई की प्रगति, फैसले की तिथि और हर मामले का निष्कर्ष सम्मिलित होगा। व्यक्ति की कोई भी जानकारी या राजनैतिक या अव्यवहार्य गतिविधियों की सूचना सचिव, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली को nsuh gksxh। ऐसी जानकारी या सूचना को पंजीकृत डाक से भेजी tk,xh।
किसी अन्य संस्था को विदेशी योगदान का स्थानांतरण यदि विदेशी योगदान को ऐसे व्यक्ति को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है जिसको पंजीकरण प्रमाण पत्र या पूर्व अनुमति प्रदान नहीं की गई है तो संबंधित व्यक्ति केंद्र सरकार से विदेशी योगदान के कुछ अंश को स्थानांतरित करने की अनुमति के लिए आवेदन कर सकता है। यह स्थानांतरण कुल प्राप्त विदेशी सहयोग के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए । आवेदन जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्रति हस्ताक्षरित होना चाहिए। इस जिला मजिस्ट्रेट का न्याय अधिकार उस जगह पर होना चाहिए जहां यह स्थानांरित निधि का इस्तेमाल किया जाना है। जिला मजिस्ट्रेट को आवेदन मिलने के 60 दिनों के भीतर इस विषय पर कोई उचित निर्णय देना होगा। देने वाला व्यक्तितब तक कोई विदेशी सहयोग स्थानांतरित नहीं कर सकता जब तक कि केंद्र सरकार इसकी मंज़ूरी न दे दे। कोई व्यक्ति यदि विदेशी सहयोग को स्थानांतरित करना चाहता है, वह निर्धारित प्रपत्र के अनुसार केंद्र सरकार के पास आवेदन कर सकता है। यदि प्राप्तकर्ता ने इस अधिनियम के किसी प्रावधान के तहत किसी तरह की शुरूआत नहीं की है तो उस मामले में केंद्र सरकार ,पंजीकरण प्रमाण पत्र या पूर्व अनुमति प्रदान किए गए व्यक्ति के संबंध में स्थानांतरण की अनुमति दे सकती है। विदेशी योगदान का कोई भी स्थानांतरण निर्धारित रिटर्न में स्थानांतरणकर्ता और प्राप्तकर्ता द्वारा दर्शाया जाना चाहिए।
विविध मुद्दे
अव्यवहार्य गतिविधियों के बारे में एफसीआरए, 2010 में परिभाषित किया गया है। ‘प्रशासनिक खर्च’ के बारे में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।
धारा 21 में चुनाव के लिए प्राप्त किए गए विदेशी सहयोग के बारे में उम्मीदवार के रूप में विधिवत नामांकन कराने की तिथि के 45 दिनों के भीतर निर्धारित प्रपत्र के अनुसार बताई जानी चाहिए।(पसूका)
No comments:
Post a Comment